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वैदिक ज्योतिष: प्राचीन विज्ञान और इसके महत्वपूर्ण पहलू

24 Sep, 2024 by Pandit AK Bhardwaj

वैदिक ज्योतिष: प्राचीन विज्ञान और इसके महत्वपूर्ण पहलू

वैदिक ज्योतिष का परिचय
वैदिक ज्योतिष, जिसे 'ज्योतिष शास्त्र' भी कहा जाता है, भारतीय सभ्यता का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण विज्ञान है। यह वेदों का एक हिस्सा है और इसे "नेत्र" (आंख) कहा जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति को जीवन की दिशा दिखाने का कार्य करता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का प्रभाव न केवल व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है, बल्कि संपूर्ण सृष्टि पर भी इसका असर होता है।

वैदिक ज्योतिष के प्रमुख अंग

  1. कुंडली (जन्मपत्री): व्यक्ति की जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को कुंडली में दर्शाया जाता है। कुंडली के आधार पर व्यक्ति के जीवन की घटनाओं की भविष्यवाणी की जाती है।
  2. दशा और महादशा: व्यक्ति के जीवन में विभिन्न दशाओं का महत्व होता है। दशाएं यह बताती हैं कि किसी विशेष समय में कौन सा ग्रह प्रभावी रहेगा और उसका व्यक्ति के जीवन पर कैसा प्रभाव होगा।
  3. गोचर (ट्रांजिट): गोचर का मतलब होता है ग्रहों की वर्तमान स्थिति और उनका व्यक्ति की कुंडली पर प्रभाव। यह व्यक्ति के भविष्य को समझने में सहायक होता है।
  4. नक्षत्र और राशि: नक्षत्र और राशियां व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वभाव और भविष्य की घटनाओं को प्रभावित करती हैं। वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्र होते हैं और 12 राशियां होती हैं।
  5. उपाय: ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए वैदिक ज्योतिष में विभिन्न उपाय सुझाए जाते हैं, जैसे मंत्र जाप, रत्न धारण, यज्ञ और दान।

वैदिक ज्योतिष के लाभ

  1. जीवन की दिशा: वैदिक ज्योतिष के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन की दिशा और महत्वपूर्ण फैसलों को सही दिशा में ले सकता है।
  2. स्वास्थ्य और धन: वैदिक ज्योतिष व्यक्ति को स्वास्थ्य और धन से संबंधित समस्याओं के समाधान प्रदान करता है। ग्रहों के सही उपाय से व्यक्ति अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
  3. संबंधों में सुधार: यह विज्ञान व्यक्ति को अपने परिवार, मित्रों, और जीवनसाथी के साथ संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: वैदिक ज्योतिष व्यक्ति को अपने आध्यात्मिक जीवन की उन्नति के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।

क्या करें और क्या न करें

  • कुंडली मिलान: विवाह, नया व्यवसाय, या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले कुंडली का मिलान करना आवश्यक है ताकि संभावित समस्याओं से बचा जा सके।
  • रत्न धारण: वैदिक ज्योतिष के अनुसार सही रत्न धारण करना शुभ होता है, लेकिन यह किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह से ही करना चाहिए।
  • अंधविश्वास से बचें: यह जरूरी है कि व्यक्ति अंधविश्वास से दूर रहे और ज्योतिष को एक विज्ञान की तरह समझे।

निष्कर्ष
वैदिक ज्योतिष एक गहन विज्ञान है जो केवल भविष्यवाणी तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यक्ति के जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। इसका उद्देश्य जीवन को बेहतर बनाना और इसे सही दिशा में ले जाना है।